Bageshwar Dharm Sarkar Chhatarpur - बागेश्वर धाम सरकार कौन है, कैसे जाएं पूरी जानकारी
यदि आप किसी भी रूप में संचार माध्यमों से जुड़े हैं तो अबतक आप बागेश्वर धाम सरकार (bageshwar dham sarkar) के नाम से रूबरू हो चुके होंगे। बागेश्वर धाम सरकार मंदिर आजकल पूरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ है। यह एक बालाजी का ऐसा मंदिर है जहां अर्जी लगाई जाती है, दिव्य दरबार लगता है और दरबार में उन अर्जियों की सुनवाई की जाती है। आइये बागेश्वर धाम की चर्चा का कारण और इतिहास जानते है...
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1. बागेश्वर धाम सरकार मंदिर का इतिहास
बागेश्वर धाम मंदिर छतरपुर के पास बागेश्वर धाम में स्थित है। यह बालाजी महाराज हनुमान जी का मंदिर है। हनुमान जी के मंदिर के सामने ही महादेव जी का एक मंदिर है। यह मंदिर छतरपुर जिले के खजुराहो पन्ना रोड पर मौजूद गंज नाम के छोटे से कस्बे से लगभग 35 किलोमीटर की दूरी पर है।
आज से लगभग 20 - 30 साल पहले 1986 में इस मंदिर को बनाया गया था। उसके बाद यह मंदिर धीरे-धीरे प्रसिद्ध होता चला गया। सन 1987 में यहां संत सेतु लालजी महाराज आगमन हुआ। यह आचार्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के दादाजी थे। उसके बाद साल 2012 में श्रद्धालुओं की समस्या का निवारण करने के लिए दरबार लगना शुरू हुआ। फिर साल 2016 में बागेश्वर धाम में भूमि पूजन हुआ। मंदिर का जीर्णोद्धार किया गया और बालाजी का धाम समस्याओं का निवारण करने के लिए प्रसिद्ध हो गया।
2. बागेश्वर धाम की प्रसिद्धि का कारण
पहले यहां इतनी भीड़ नहीं होती थी। यह भी अन्य मंदिरों की तरह ही एक सामान्य मंदिर था। फिर कुछ अनुयायी ऐसे हुए जो सोशल मीडिया के बारे में जानते थे। एक टीवी चैनल का साथ मिला। जिसने धीरेंद्र शास्त्री के कथा वाचन और दिव्य दरबार को टीवी पर दिखाना शुरू किया। इस तरह सोशल मीडिया से इनकी प्रसिद्धि घर-घर तक पहुंच गई।
3. और भी है पर्ची वाले बाबा
बागेश्वर धाम के ही आसपास और भी परची वाले बाबा है जो धीरेंद्र शास्त्री जी की ही तरह पर्ची से अर्जी लगाते हैं व दिव्य दरबार लगाते है। पर वे धीरेंद्र जी की तरह प्रसिद्धि नहीं पा सके उनका कहना है कि पहले यहां इतने श्रद्धालु नहीं आते थे। अब तो जनसैलाब आता है। लाखों की संख्या में लोग दरबार में आते हैं। जिससे यहां की सड़कों का और इस इलाके का विकास हुआ है। हालांकि वे यह भी कहते हैं कि पहले यहां जमीन सस्ती थी और अब दरबार की प्रसिद्धि के कारण यहां की जमीन के दाम आसमान छू रहे हैं।
4. कैसे लगाई जाती है बागेश्वर धाम में अर्जी
बालाजी के दरबार में मंगलवार को भक्तों की भीड़ उमड़ती है। पर्चियों के माध्यम से भक्तजन अर्जी लगाते हैं। बागेश्वर धाम में अर्जी लगाने का तरीका बहुत आसान है। यहाँ आपको लाल, पीले और काले कपड़ों में नारियल बंधे हुए दिखेंगे।
एक पर्ची में अपनी समस्या लिखकर कपड़े में नारियल के साथ बांधकर धाम के परिसर में रखना है। यदि आपकी समस्या सामान्य है तो लाल कपड़े में नारियल बांधे, यदि आपकी समस्या शादी- विवाह से संबंधित है तो पीले कपड़े में नारियल बांधे और यदि आपकी समस्या प्रेत बाधा से जुड़ी है तो काले कपड़े में नारियल बांधे।
साथ ही यदि आप धाम नहीं आ सकते तो घर से ही अर्जी लगा सकते हैं। तरीका वही है बस नारियल को कपड़े में बांधने के बाद अपने घर के मंदिर में रख दे। ऐसा विश्वास है कि घर पर से लगाई अर्जी भी बालाजी सुन लेते हैं।
5. कैसे पता लगता है की अर्जी स्वीकार हुई है या नहीं
आचार्य धीरेंद्र शास्त्री बताते हैं कि यदि आपने सच्ची श्रद्धा से अर्जी लगाई है तो आपको सपने में लगातार दो दिन तक बंदर दिखाई देते हैं। केवल 1 दिन बंदर दिखाई दे तो इसका मतलब है आप की अर्जी लग गई है। यदि सपने में बंदर ना दिखे तो फिर से अगले मंगलवार से यही उपाय 2-3 मंगलवार तक दोहराने पर अर्जी अवश्य स्वीकार होगी।
6. कैसे पहुंचे बागेश्वर धाम/ Bageshwar Dham Address
आप बागेश्वर धाम सड़क रेल या हवाई मार्ग से जा सकते हैं। दिल्ली से बागेश्वर धाम की दूरी 455 किलोमीटर है। ट्रेन से छतरपुर रेलवे स्टेशन या खजुराहो रेलवे स्टेशन पहुंचकर टैक्सी या बस आसानी से मिल जाती है। सड़क से जाने पर पहले खजुराहो फिर पन्ना रोड फिर पन्ना गंज के कस्बे से 35 किलोमीटर की दूरी पर आप धाम पहुंच सकते हैं। अगर आप प्लेन से बालाजी धाम बागेश्वर धाम आना चाहते हैं तो खजुराहो एयरपोर्ट पर उतर कर वहां से बस या ट्रेन के माध्यम से बालाजी मंदिर बागेश्वर धाम बालाजी मंदिर पहुंच सकते हैं
7. प्रमुख सोशल मीडिया लिंक
YouTube
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