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मंगलवार, 4 जुलाई 2023

डॉक्टर और कर्तव्य - कहानी Moral, Motivational Story


डॉक्टर और कर्तव्य - कहानी || Moral Story || Motivational & Heart Touching Story

दोस्तों! कहानियां हमारे जीवन का एक अभिन्न अंग है। यह बचपन से हमारे साथ चलती है। हमारी दादी - नानी रात में सोते समय हमें शिक्षाप्रद कहानियां सुनाया करती थी। जिससे हम में नैतिक मूल्यों का विकास होता गया। कहानियों के माध्यम से ही हमें सही गलत की पहचान करवाई गई।

     बड़े होने के बाद भी कुछ कहानियां ऐसी हमारे सामने आई जिनमें से कुछ मंडित थी तो कुछ सच्ची घटनाओं पर आधारित।  तो बढ़ते हैं आज की कहानी की तरफ.... 

आज की कहानी है कि एक डॉक्टर अपने कर्तव्य का निर्वाह किस तरह करता है..???

 लड़के का पिता को मृत्यु की खबर से स्तब्ध क्यों रह गया...??? आइए जानते हैं... 


    Table of Content:


    डॉक्टर और कर्तव्य - कहानी 

     



            एक  डॉक्टर को अस्पताल  से एमरजेंसी ऑपरेशन के लिए कॉल आता है। वह जल्दी - जल्दी कपडे़ बदलकर तुरंत ऑपरेशन ब्लॉक की ओर  जाते है। उनकी नजर लड़के के पिता पर पड़ती  है। जो परेशान होकर हॉल में यहाँ से वहाँ चक्कर लगा रहे थे। 

        डॉक्टर को देखते ही लड़के के पिता भड़क उठे और डॉक्टर से 

    बोले कि आपको आने में इतनी देर क्यू लगी? क्या आप जानते 

    नहीं की मेरे बेटे की जान खतरे में  है?  आपको  कुछ  एहसास 

    भी  है  अपनी  जिम्मेदारी  का या नही?


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       डॉक्टर मुस्कुराए और बोले कि माफ किजिएगा, मैं अस्पातल में 

    नहीं था। पर जितना जल्दी हो सका मैं आ गया। अब मेरी आपसे 

    गुजारिश है कि आप शांत हो जाइये, ताकि मैं अपना काम शुरू 

    कर सकूँ। लड़के के पिता ने कहा- मैं शांत हो जाउ?

    अगर  ये  तुम्हारा  खुद का  बेटा होता तो क्या तुम शांत हो पाते?

     ईश्वर ना करें अगर तुम्हारा बेटा अभी मर जाए तो तुम क्या करोगे? 

    लड़के  के  पिता  ने  चिल्लाकर पूछा।

    डॉक्टर फिर मुस्कुराये और बोले कि मैं वही करूंगा जो बाईबल में 

    लिखा हुआ है ‘हम मिट्टी से आते है और मिट्टी को लौट जाते है।'

    आप जाइये और अपने बेटे के लिए गॉड से प्रार्थना कीजिये।

         हम अपनी तरफ से पूरी कोशिश करेंगे आपके बेटे को बचाने की। उसके बाद लड़के का पिता बड़बड़ाया और बोला - बहुत 

    आसान होता है दूसरों को मशवरा देना, पर जब खुद पर बीतती है

     तब पता चलता है। 

       कुछ घंटो के ऑपरेशन के बाद डाक्टर खुश होकर ऑपरेशन 

    थिएटर से बाहर निकले और उस लड़के के पिता बोले कि शुक्र है 

    आपका बेटा बचा गया! अगर आपको कुछ पूछना है तो नर्स से पूछ लिजिएगा। और बिना पिता के कुछ कहने का इंतजार किये डॉक्टर वहाँ से चले गए।

       नर्स को वहाँ आते देख पिता ने नर्स से पूछा कि ये डॉक्टर इतना 

    घमंडी क्यूँ है? अगर कुछ देर रुकता तो अपने बेटे का हालचाल पूछ लेता। 

    नर्स ने उनको बताया कि कल इनके बेटे का एक रोड एक्सीडेंट 

    में निधन हो गया और वो उसे दफनाने गए हुए थे। पर जब 

    हमने उन्हें आपके बेटे की स्थिति बताई  नर्स  ने  उनको  बताया  कि  कल और ऑपरेशन के लिए बुलायातो वो आपके बेटे का ओपरेशन करने के लिए वहाँ से समय निकाल कर आये। 

        लड़के का पिता स्तब्ध रह गया उसके मन में आया कि यह मैं

    डॉक्टर साहब के बारे में क्या सोच रहा था! 


    शिक्षा Moral of The Story

    दोस्तो! यह कहानी हमें सिखाती है कि बिना जाने - बूझे किसी  के बारे में हमें कोई राय नहीं बनानी चाहिए और चाहे कैसी भी विकट 

    परिस्थिति हो शांत रहने का प्रयास करना चाहिए क्योंकि शांत मन से ही आप अपने लिए बेहतर निर्णय ले सकते हैं। फिर चाहे वो निजी जिंदगी हो या आपका व्यवसाय। 



    दोस्तों! आशा करती हूं कि आपको यह कहानी पसंद आई होगी।यदि मेरी ये कहानी और आपको रुचिकर लगी तो कृपया कमेंट करें। इससे मेरा उत्साहवर्धन होता है और नई- नई रचनाएँ आप तक पहुंचाने का मोटिवेशन मिलता है। मेरी और अन्य कहानियों को भी अवश्य पढ़ें... 

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