नीरज चोपड़ा के एथलीट बनने की कहानी! | Story, Journey of Neeraj Chopra Becoming An Athelete
TABLE OF CONTENTS:
- 13 वर्ष की उम्र में 80 किलो वजन था गोल्डन ब्वॉय नीरज चोपड़ा का | Golden Boy Neeraj Chopra Weighed 80 kg At The Age Of 13
- नीरज 10 साल तक नीरज घर से दूर रहे | Neeraj Stayed Away From Home For 10 Years
- अच्छी जैवेलिन खरीदने के पैसे नहीं थे! | Didn't Have The Money To Buy A Good Javelin
- नीरज चोपड़ा ने यूं ही इतिहास नहीं रच दिया है | Neeraj Chopra Has Not Just Created History
- गलती से जैवेलिन में आए थे नीरज चोपड़ा! Neeraj Chopra Came To Javelin By Mistake
- नीरज के लिए पिछले दिनों दुनियां पूरी तरह से बदल गई है | The World Has Completely Changed For Neeraj In The Past Few Days
- नीरज चोपड़ा से पूछे गए कुछ सवालों की प्रश्नोत्तरी | Quiz Of Few Questions Asked By Neeraj Chopra
- नीरज चोपड़ा का वर्तमान करियर | Neeraj Chopra's Current Career
- नीरज चोपड़ा की अब तक की उपलब्धियां | Neeraj Chopra's Achievements | Medals | Wins
13 वर्ष की उम्र में 80 किलो वजन था गोल्डन ब्वॉय नीरज चोपड़ा का | Golden Boy Neeraj Chopra Weighed 80 kg At The Age Of 13
नीरज जब 13 वर्ष के थे तब उनका वजन 80 किलो तक पहुंच गया था। वह खाने के बहुत शौकीन थे। उनके इस बढे़ वजन और खाने के शौक के कारण लोग उनका मजाक उड़ाते थे। तब नीरज के चाचा उन्हें दौड़ने के लिए ले जाने लगे। जहां उन्हें कुछ ऐसे साथी मिले जो वहां पर जैवलिन थ्रो किया करते थे। नीरज को उन्हें देखकर बहुत अच्छा लगता था। नीरज ने भी इसमें अपना हाथ आजमाने की कोशिश की और पहली बार में ही नीरज का प्रदर्शन अच्छा रहा। इस तरह से जैवलिन के लिए उनका पैशन और अधिक बढ़ गया।
नीरज 10 साल तक नीरज घर से दूर रहे | Neeraj Stayed Away From Home For 10 Years
जैवलिन की ट्रेनिंग के चलते नीरज 10 साल अपने घर से दूर रहे। इस समय के बीच में वे वर्ष में केवल एक ही बार अपने परिवार से मिलने आया करते थे। नीरज अपनी प्रेक्टिस को लेकर बहुत अधिक गंभीर (focused) थे। इसी वजह से वे समारोह, शादी या किसी भी प्रकार के पारंपरिक कार्यक्रमों में भी शामिल नहीं होते थे।
नीरज की बहन संगीता का कहना है कि- "भाई को मीठा खाना बहुत पसंद था परंतु जैवलिन के लिए उन्होंने मीठा खाना भी छोड़ दिया था।"
अच्छी जैवेलिन खरीदने के पैसे नहीं थे! | Didn't Have The Money To Buy A Good Javelin
शुरुआत में नीरज को अपना फैशन फॉलो करने में बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ा था। शुरुआती दौर में नीरज को आर्थिक तंगी के कारण पैसों की कमी के चलते अच्छी क्वालिटी की जैवेलिन खरीदने के पैसे नहीं होते थे। लेकिन फिर भी उन्होंने हिम्मत नहीं छोड़ी, निराशा का दामन नहीं थामा। उन्होंने सस्ती जैवलिन से ही अपनी प्रेक्टिस को जारी रखा।
ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतने के बाद नीरज के घर में दिवाली का सा माहौल है। नीरज के दोस्त बताते हैं की रोज नीरज सुबह-सबह सबको प्रैक्टिस पर चलने के लिए जगाते थे और जब दोस्त मना कर देते थे तो वे अकेले ही प्रैक्टिस के लिए चले जाते थे।
नीरज की इस कामयाबी के सफर को याद करके उनकी माताजी भावुक हो जाती हैं। वह कहती है कि बेटे का घर से दूर रहना बहुत खेलता था लेकिन आज वो सारे किए गए समझौते सफल साबित हो गए।
नीरज चोपड़ा ने यूं ही इतिहास नहीं रच दिया है | Neeraj Chopra Has Not Just Created History
जैवलिन थ्रो की प्रैक्टिस पर फोकस करने के लिए उन्होंने काफी समय से अपने सोशल मीडिया हैंडल को नहीं चलाया और आज उनकी इस उपलब्धि के बाद 3 दिन के अंदर ही उनके इंस्टा अकाउंट के फॉलोअर्स की संख्या 3.5 मिलियन हो चुकी है।
गलती से जैवेलिन में आए थे नीरज चोपड़ा! Neeraj Chopra Came To Javelin By Mistake
हमारे गोल्डन ब्वॉय नीरज चोपड़ा ने बताया कि वह गलती से जैवलिन में आए। दूसरों को देखकर शुरू किया था उन्होंने यह खेल। यहां हम आपको यह बता दें कि जिस खेल के कारण नीरज ने आज लोकप्रियता के गगन को छुआ है, उसमें वे गलती से आए थे। जी हां यह कहना है खुद नीरज का उन्होंने बताया कि- "मैं जैवलिन थ्रो में गलती से आया, पहले से ऐसा कुछ भी नहीं सोचा था"
नीरज के लिए पिछले दिनों दुनियां पूरी तरह से बदल गई है | The World Has Completely Changed For Neeraj In The Past Few Days
नीरज चोपड़ा ने बताया जैवलिन थ्रो में आने के बारे में नहीं सोचा था उन्होंने। टोक्यो ओलंपिक में इतिहास रचने वाले स्टार खिलाड़ी जैवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा के लिए बीते दो-तीन दिनों में दुनियां पूरी तरह से बदल चुकी है। नीरज की पहचान अब दुनियां के दिग्गज जैवेलिन थ्रोअर खिलाड़ियों में होने लगी है। नीरज ने शनिवार को फाइनल मुकाबले के दौरान 87.58 मीटर का थ्रो करके देश का नाम पूरे विश्व में रौशन कर दिया।
नीरज चोपड़ा से पूछे गए कुछ सवालों की प्रश्नोत्तरी | Quiz Of Few Questions Asked By Neeraj Chopra
जिस खेल के लिए नीरज चोपड़ा को विश्व ख्याति मिली है। वे इस दरअसल वे इस खेल में गलती से आए। इस बारे में खुद नीरज ने खुलासा किया है की वह इस खेल में किस तरह आए। यह बताते हुए उन्होंने एक न्यूज़ चैनल को दिए अपने इंटरव्यू में बताया "मैं जैवलिन थ्रो में गलती से आया। पहले से दिमाग में नहीं था। मैं फिटनेस के लिए स्टेडियम गया था और वहां सीनियर्स को जैवलिन थ्रो करते देखा इसके बाद मेरा इस खेल के प्रति रुझान बढ़ा और मैंनें भी इसकी प्रैक्टिस शुरू कर दी।
दूसरा प्रश्न जब आप कल पोडियम पर सबसे ऊपर खड़े थे तो उस वक्त दिमाग में क्या चल रहा था?
इस सवाल पर नीरज बताते हैं कि वह एक रोंगटे खड़े कर देने वाला पल था उस वक्त अंदर से बहुत जोश था।
तीसरा प्रश्न गोल्ड जीतने के बाद कैसा लग रहा था आपको?
इस पर नीरज चोपड़ा कहते हैं की मैं उस रात मेडल को अपने साथ लेकर सोया था। मैंने अपने देश के लिए कुछ ऐसा किया है जो यादगार रहेगा, ऐसा महसूस (feel) हो रहा था।
चौथा प्रश्न आपका यह सफलता का सफर कैसा रहा
23 वर्ष के नीरज चोपड़ा ने इसका उत्तर देते हुए बताया कि मैं जैवलिन थ्रो में गलती से आया पहले से कोई भी विचार नहीं था क्योंकि ना तो परिवार से और ना ही गाँव से स्पोर्ट में कोई था जिस कारण से इस खेल में रूचि होती।
मैं तो बस ऐसे ही अपनी फिटनेस के लिए स्टेडियम गया था और वहीं से इस सफर की शुरुआत हो गई। लेकिन इतना जरूर है कि जिस दिन से मैंने जैवलिन शुरू किया उस पहले दिन से पूरी मेहनत की, अपना बेस्ट करने की कोशिश करता रहा। गांव से बस या फिर लिफ्ट लेकर रोज स्टेडियम जाता था।
पांचवा प्रश्न क्या आपको गोल्ड मेडल जीतने की उम्मीद थी?
नीरज चोपड़ा ने कहा कि क्वालिफिकेशन राउंड के बाद हौसला बढ़ गया था। मैंने उसमें आसानी से थ्रो किया था और जैवेलिन अच्छा खासा दूर गया था। इसके बाद ऐसा लगा कि फाइनल में कुछ अच्छा होने वाला है और उसमें मैं अपना पर्सनल बेस्ट कर पाऊंगा लेकिन उस समय भी गोल्ड की उम्मीद नहीं की थी।
उन्होंने बताया कि ओलंपिक में खिलाड़ी की वर्ल्ड रैंकिंग मायने नहीं रखती हर दिन अलग होता है। कौन सा दिन किसका है उस पर काफी कुछ निर्भर करता है। जिसका शरीर उस दिन चल गया, उसी पर उसकी पूरी परफॉर्मेंस निर्भर करती है। अब तो मैं भी यह पक्का मान चुका हूँ।
छठा प्रश्न अब आगे आपके क्या लक्ष्य है?
इस प्रश्न के उत्तर में नीरज ने बताया कि भाला फेंक यानी के जेवलिन थ्रो एक तकनीकी आधारित स्पर्धा है और बहुत कुछ आपकी उस दिन के फॉर्म पर निर्भर करता है। इसलिए मेरा अगला लक्ष्य है 90 मीटर की दूरी तय करना रहेगा।
सातवां प्रश्न आगे भविष्य में इस खेल को लेकर आप की क्या योजनाएं हैं?
नीरज चोपड़ा ने बताया कि इस वर्ष मैं केवल और केवल ओलंपिक पर ध्यान दे रहा था। अब मैंने स्वर्ण पदक जीत लिया है तो मैं भविष्य की प्रतियोगिताओं के लिए योजनाएं बनाऊंगा और भारत वापसी के बाद अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए विदेशों के वीजा के लिए अप्लाई करूंगा।
आठवां प्रश्न आप किसे अपना आदर्श मानते हैं?
नीरज ने बताया कि मेरे आदर्श मेरे चाचा जी श्री सुरेंद्र चोपड़ा जी है। उन्होंने ही मुझे जैवलिन थ्रो के लिए प्रेरित किया था। वे मुझे जबरदस्ती स्टेडियम तक लेकर गए और ट्रेनर से मिलवाया। मैं आज जो भी हूं उनके कारण हूं।
नौवां प्रश्न आप अपना ये मैडल किसको समर्पित करते हैं?
इस प्रश्न का उत्तर देते हुए नीरज चोपड़ा ने बताया कि वे अपने इस स्वर्ण पदक को स्वर्गीय श्री मिल्खा सिंह को समर्पित करते हैं।
नीरज चोपड़ा का वर्तमान करियर | Neeraj Chopra's Current Career
नीरज सूबेदार की यूनिट 4 राजपूताना राइफल्स है। आमतौर पर किसी भी खिलाड़ी को सीधे ही नायब सूबेदार की रैंक पर पोस्ट नहीं किया जाता परंतु नीरज का स्पोर्ट्स रिकॉर्ड इतना शानदार था कि उन्हें यह पोस्ट दी गई।
Subedar Neeraj Chopra, 4 Rajputana Rifles, Indian Army
नीरज चोपड़ा की अब तक की उपलब्धियां | Neeraj Chopra's Achievements | Medals | Wins
2016: SOUTH ASIAN GAMES- GOLD
2016: ASIAN JUNIOR CHAMPIONSHIP- SILVER
2016: WORLD U20 CHAMPIONSHIP- GOLD
2017: ASIAN CHAMPIONSHIP- GOLD
2018: COMMONWEALTH GAMES- GOLD
2018: ASIAN GAMES- GOLD (NATIONAL RECORD 88.06 M)
2021: TOKYO 2020- GOLD
F A Q
प्रश्न.1. नीरज चोपड़ा कौन है?
उत्तर. भारतीय एथलीट भाला फेंक खिलाड़ी
प्रश्न.2. नीरज की उम्र कितनी है?
उत्तर. 23 वर्ष
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