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गुरुवार, 20 जनवरी 2022

Koshish | kamyabi | Himmat | Kismat | Motivational Quotes | Story | Poetry

किस्मत, कोशिश और कामियाबी पर कविता, कहानी
Koshish | kamyabi | Himmat | Kismat | Motivational Quotes | Story | Poetry

        दोस्तों जीवन में बहुत संघर्ष है, मुश्किलें हैं, रुकावटें हैं पर सफलता उन्हीं को मिलती है जो लगातार परिश्रम करते रहते हैं। यह तो हमनें बहुत सी किताबों में पढ़ा है, जाना है, समझा है, अपने बड़ों से सुना भी हैं। आज मैं इसी के संदर्भ में आप सभी के सामने अपनी कविता की कुछ पंक्तियां और एक दादी मां की कहानी के साथ उपस्थित हु हूं। 

तो आपका ज्यादा समय न लेते हुए मैं अपने वक्तव्य पर आती हूं.... 

 

 

   Table Of Contents:-

  1. Quote 1. | साधारणीकरण

  2. Quote 2.  | साधारणीकरण

  3. कहानी किस्मत की | शिक्षा

 

               

Quote 1. 

"मुश्किलों के समंदर पार कामयाबी का डेरा खड़ा है....! ! ! 

कोशिशों की कश्ती पर होकर सवार पार हो जा...ओ मुसाफिर"

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                                                                                                    Picture Credit: Respected Owner

 
साधारणीकरण: जीवन में बहुत सी कठिनाइयों, मुश्किलों के समंदर मिलेंगे। उस समंदर के पार सफलता रूपी बेड़ा खड़ा है अर्थात सफलता तुम्हारा इंतजार कर रही है। 
ओ मुसाफिर.... एक बात ध्यान रखना। तू इस समंदर को अपने अपनी कोशिशों की नाव में बैठकर आसानी से पार कर सकता है। जब भी तेरा मन परेशान हो जाए, इन कठिनाइयों रूपी परीक्षाओं से झुंझला जाए... 
तो समझ जाना कि सफलता बस मिलने ही वाली है। अपनी कोशिशों में बस एक उड़ान और भरनी है और वह सफलता तुम्हारे कदम चूमेगी। 

Quote 2.

"एक तो जिंदगी के इम्तिहन मुश्किल है
उस पर  कमाल ये कि ऊपर वाले ने... 
ना इस की कोई कुंजी बनाई, ना गाइड"

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                                                                  Picture Credit: Respected Owner

 
 साधारणीकरण:  जिंदगी के इम्तिहान तो मुश्किल है ही... उससे भी बड़ी बात यह है की ऊपर वाले का कमाल देखो! ना तो उसने इन इम्तिहानों को पार करने के लिए कोई कुंजी बनाई है और ना ही  इनकी कोई गाइड ही बाजार में मिलती है। जिसे पढ़कर हम इस भवसागर के भंवर को पार कर जाए। 


कहानी किस्मत की: 

     दादी मां की कहानियों के पिटारे से आज एक और नयी कहानी लेकर आप लोगों के सामने उपस्थित हुई हूँ। जी हां कहानी का नाम ही है 'कहानी किस्मत की' तो आइए जानते हैं इस कहानी के बारे में...
    बहुत पुराने समय की बात है... एक बहुत ही खुशहाल राज्य था। जिसके राजा की कोई संतान न थी। वह राजा सदैव इस बात को लेकर चिंतित रहता था कि उसके बाद इस पूरे राज्य का क्या होगा? उसने बहुत से देवी-देवताओं की मन्नते मांगी, पूजा-अर्चना, हवन आदि करवाएं। तत्पश्चात कुछ वर्षों बाद उसके घर में एक सुंदर से बालक की  किलकारियां गूंजी। 
    छठी की रात को कहा जाता है कि किस्मत के देवता बच्चों की किस्मत लिखते हैं। जब उस राजकुमार की छठी की रात आई और किस्मत के देवता उस बालक की किस्मत लिख रहे थे तभी बीच रात में रानी की नींद खुल गई। उसने किस्मत के देवता को जब अपने बच्चे की किस्मत लिखते देखा तो बहुत प्रार्थना करने लगी की... हे देवता! आपने मेरे बालक की किस्मत में क्या लिखा है...? कृपया मुझे बताइए। 
देवता ने बताने से मना कर दिया परंतु रानी ने किसी भी तरह उनके चरण नहीं छोड़े। तब परेशान होकर  देवता ने रानी को बताने के लिए हामी भरी। 
देवता ने कहा- कहो रानी क्या सुनना चाहती हो इसकी किस्मत में क्या बुरा होगा ये.... या क्या-क्या अच्छा होगा ये? 
रानी ने कहा- मुझे यह बताइए कि आगे चलकर मेरा पुत्र कैसा जीवन व्यतीत करेगा?... 
इस पर किस्मत के देवता ने उत्तर दिया की इसका जीवन जंगलों में व्यतीत होगा। 
   रानी फूट-फूट कर रोने लगी। किस्मत के देवता ने कहा कि यह इसकी किस्मत है इसे बदला नहीं जा सकता। इस पर रानी ने कहा की कुछ तो अच्छा होगा इसकी किस्मत में। 
    कुछ सोचने के बाद किस्मत के देवता ने कहा की इसकी किस्मत में दूसरी बात यह भी लिखी है कि यह जब भी शिकार के लिए जाल लगायेगा तो इसके जाल में हिरण अवश्य ही फंसेगा। इतना कहकर किस्मत के देवता अंतर्ध्यान हो गए।
    आगे चलकर कुछ ऐसी परिस्थितियां बनी कि उस राजकुमार को अपने परिवार के साथ जंगल में जीवन बिताना पड़ा। तब राजकुमार ने अपनी माता से पूछा की माता हम तो राजा है ना! तो जंगलों में क्यों रह रहे हैं?... हमें तो महलों में होना चाहिए। 
    रानी ने उत्तर दिया पुत्र यह तेरी किस्मत है। बालक सोच में पड़ गया उसने फिर प्रश्न किया, माता अगर जंगलों में रहना मेरी किस्मत है तो कुछ अच्छा भी होगा मेरी किस्मत में, वह क्या है?... 
रानी ने उसकी ओर देखते हुए कहा- पुत्र किस्मत के देवता ने कहा था कि तुम जब भी जाल लगाओगे उसमें हिरन अवश्य फंसेगा। 
   राजकुमार को कुछ सूझा! उसने अगले ही दिन एक ऐसी जगह जाल लगाया जहां से कोई जानवर नहीं गुजरता था। पर जब शाम को वह आया तो उसमें हिरण फंसा हुआ मिला। अगले दिन उसने एक गहरे से गड्ढे में जाल लगाया और घर चला गया अगले दिन आकर देखा तो उसमें हिरण फंसा हुआ मिला। अब राजकुमार ने एक पेड़ पर जाल लगाया। अगले दिन आकर देखा तो उसमें हिरण फंसा हुआ था। इस बार राजकुमार ने पेड़ की ऊपर वाली टहनी पर जाल लगाया, साथ ही पेड़ के चारों तरफ आग लगा दी और स्वयं वहीं पास में छुपकर देखने लगा कि इस बार कैसे जाल में हिरण फंसता है। 
   आधी रात को उसने देखा कि कोई आग में से होता हुआ पेड़ पर चढ़ कर हिरण को उस जाल में डाल रहा है तभी दौड़ कर राजकुमार पहुंचा और पूछा कि यह क्या कर रहे हो?... 
    देवता ने कहा की तुम्हारी किस्मत है कि तुम्हारे जाल में हर बार एक हिरण अवश्य  फंसेगा पर जाल तो ढंग की जगह पर लगाओ। राजकुमार बोला अगर मेरी किस्मत है की मेरे जाल में हमेशा एक हिरण अवश्य फंसेगा... तो मेरी मर्जी मैं जाल कहीं भी लगाऊं। यह तो मेरी किस्मत है और ये आपको करना ही होगा। आखिर आप ही ने मेरी किस्मत लिखी है। 
देवता ने अपना सिर पकड़ लिया और हार कर उसे राजकुमार की किस्मत बदलनी पड़ी।
        अब राज कुमार अपने माता पिता के साथ वापस अपने महल में सुख पूर्वक जीवन व्यतीत करने लगा। 

शिक्षा:  हालांकि किस्मत की बात को इस कहानी में बहुत ही सहज रूप में बताया गया है परंतु इसमें छिपी एक गहरी बात भी है। जो हमें ग्रहण करनी चाहिए कि हम अपनी कोशिशों से अपने भाग्य को भी बदल सकते हैं। 
 
अंततः  "हमारा कर्म ही हमारे भाग्य का निर्माता है।"

 

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