रक्षाबंधन
हमारी धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, शिशुपाल राजा का वध करते समय भगवान श्रीकृष्ण के हाथ से
खून बहने लगा था, तो द्रोपदी ने अपनी साड़ी का आंचल फाड़कर उनके हाथ पर बांध दिया था और तभी श्रीकृष्ण
ने उन्हें बहन मानकर रक्षा का वचन दिया था। वर्षो बाद जब पांडव, द्रोपदी को कौरवों से जुएं (चौसर) में हार गए
और भरी सभा में जब दुस्साशन द्रोपदी का चीरहरण करने लगा तो श्रीकृष्ण ने भाई का फर्ज़ निभाते हुए द्रोपदी जी
की राज बचाई थी। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार रावण की बहन ने भद्रा में उसे रक्षा सूत्र बांधा था इसलिए
रावण का सर्वनाश हो गया था।
रक्षाबंधन का शुभ संयोग
इस साल रक्षाबंधन सावन के आखिरी सोमवार को पड़ रहा है। ज्योतिषियों के अनुसार इस वर्ष
का रक्षाबंधन बहुत खास होगा क्योंकि इस साल रक्षाबंधन पर 'सर्वार्थ सिद्धि योग' और 'दीर्घायु आयुष्मान' का
योग बन रहा है। रक्षाबंधन के अवसर पर ऐसा शुभ संयोग 29 वर्षों के बाद आया है साथ ही इस साल भद्रा और
ग्रहण की छाया भी रक्षाबंधन पर नहीं पड़ रही है।
इससे पहले यह योग 1991में बना था। इस संयोग को कृषि क्षेत्र के लिए भी अच्छा माना जा रहा है।
शुभ मुहूर्त
3 अगस्त की सुबह 09 बजकर 28 मिनट पर ही भद्रा समाप्त हो जाएगा। जिसके कारण बहने अपने भाईयों
को पूरे दिन राखी बांंध सकेंगी। वैसे राखी बांधने का सबसे शुभ मुहूर्त 01 बजकर 48 मिनट से 04 बजकर
29मिनट तक तथा दूसरा शुभ मुहूर्त शाम 07 बजकर 10 मिनट से 09 बजकर 17 मिनट है।
आज के समय में रक्षाबंधन
कोरोनाकाल में कुछ भाई - बहन दूर होंगे। वे video call के जरिए इस दूरी को कम कर भाई - बहन
के रिश्ते के प्यार भरे एहसास को महसूस कर मना सकते हैं।
इस रक्षाबंधन पर जो भाई-बहन पास है वे lucky है। इस एहसास के साथ वे इस त्योहार को पूरे हर्षोल्लास के
साथ मनाएं।
रक्षाबंधन के त्योहार में व्यावसायीपन
मौजूदा दौर में इस रक्षाबंधन के त्योहार में व्यावसायीपन का पुट आ गया है। ऑनलाईन तोहफे मिलते हैं
जिनकी अनगिनत वैराइटीज है, जैसे- कार्ड्, चॉकलेट, कपड़े, soft toys, accessories इत्यादि।
इस दिन बहनें बड़ी बेसब्री से अपने गिफ्ट का इंतजार करतीं हैं और तो और भाई भी उन्हें परेशान करने में
कोई कसर नहीं छोड़ते। दोनों की नोंक- झोंक बस देखते ही बनती है। यही तो इस रिश्ते की खासियत है, जो इसे
बाकी हर रिश्ते से अलग करती है।
बचपन के झरोखे से
बचपन में जब मुझसे कुछ गलती हो जाती, भाई मुझे बचाने को अपने पर ले लेता था और जब पापा-
मम्मी से कोई wish पूरी करवानी होती तो मुझे आगे कर देता। भईया तो हमेशा मेरे मार्गदर्शक रहे हैं। आज भी
जब मैं दुविधा में पड़ जाती हूं तो पहला नाम मेरे जेहन में भईया का ही होता है जो मुझे सही राय देंगे।हम भाई-
बहनों में कभी झगड़ा नहीं हुआ! ना तब, ना अब😀!
✍ एक कविता मेरी कलम से
इस साल राखी पर अगर हर भाई अपनी बहन को यह वादा करें कि वो हमेशा माता- पिता का
ध्यान रखेगा तो हर माता-पिता का बुढ़ापा संवर जाएगा।
मेरी राय
भाई - बहन का रिश्ता दुनिया में सबसे अनोखा रिश्ता है।
👉आज मैं आपको एक सवाल पर छोड़ना चाहती हूं कि किसी भी त्योहार का व्यावसायीकरण क्या सही है?...
अपने जवाब कमेंट करके बताएं.....!!!!
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