Follow Us @pushp_ki_duniya

गुरुवार, 30 जुलाई 2020

फूल से हमें क्या सीख मिलती है? | What do we learn from flowers?

       प्रिय फूल | Dear Flower

नमस्ते दोस्तो 🙏,
     
आज के समय में हैलो कहकर हाथ मिलाने से अच्छा हाथ जोड़कर नमस्ते करना है और साथ ही

 ये हमारी संस्कृति भी है, चलिए दोस्तों ये तो कारण हुआ मेरे नमस्ते कहने का। मैं पुष्प की दुनियां अब बात करती 

हूं... जिसके बारे में बात करने के लिए मैं आज आपके सामने प्रस्तुत हुई हूं।

                     आज का विषय है सीखना हम किस तरह से और किन-किन चीजों से क्या क्या सीख सकते हैं.....??
 
तो मेरा उत्तर होगा हम अपने आसपास के हर छोटी बड़ी चीज से कुछ ना कुछ सीख सकते हैं, चाहे वह कोई 

व्यक्ति हो अथवा कोई वस्तु ही क्यों ना हो। अब बात आती है क्या-क्या सीख सकते हैं....??? तो दोस्तों हर वस्तु के 

2 पक्ष होते हैं एक सकारात्मक और एक नकारात्मक.... साधारण शब्दों में कहूं तो अच्छाई और बुराई सभी में 

होती है... तो हमें क्या सीखना चाहिए....??? अच्छी चीजें सीखने को जहां से भी मिले, सीखनी चाहिए और हां सीखने 

की कोई उम्र नहीं होती मानव जीवन का जन्म सीखने से शुरू होता है और सीखने पर ही समाप्त हो जाता है। यह 

क्रिया जीवन पर्यंत चलती रहती है... अब ऐसा क्यों होता है....???  क्योंकि हम मनुष्य हैं और कोई भी मनुष्य 

सर्वगुण संपन्न नहीं होता और जो ऐसा समझता है उसके सीखने की प्रक्रिया पर वही फुल-स्टॉप लग जाता है।

चलिए यह तो हुई ज्ञान की बातें.... जो आपको यदा-कदा कहीं ना कहीं पढ़ने-सुनने को मिल ही जाती है। आपको 

लगेगा यह भी आ गई आज बोर करने.... तो बस इस प्रवचन को मैं यहीं पर समाप्त करती हूं और आगे बढ़ती हूं...


मैंने एक फूल से क्या सीखा? | What did I learn from a flower?


  आज मैं जिस विषय पर बात कर रही हूं वो है सीखना। हम अपने आस-पास की हर वस्तु से कुछ ना कुछ सीख  

सकते हैं, यहां मैं बात कर रही हूं एक फूल से हम क्या सीख सकते हैं। मैंनेजो फूल से सीखा उसे इस पत्र के 

माध्यम से व्यक्त किया है- 





जैसा कि आप जानते हैं मेरा नाम पुष्प की दुनियां है। मेरे नाम का पर्याय एक पुष्प यानी फूल है तो इस पत्र में मैंने 

फूल के बारे में लिखा है कि तुम कितनी महान हो....  सदैव मुस्कुराती हो, खिलखिलाती हो अपनी खुशबू बिखेरती 

हो अपने अंदर क्या-क्या समेटा हुआ है तुमने... परागकण, खुशबू और ना जाने क्या-क्या एक पॉजिटिव 

अप्रोच(सकारात्मकता)  है तुम्हारी.... शायद ही कोई ऐसा होगा जो फूलों को देख कर खुश ना होता हो.... प्रकृति ने 

तुम्हें अपने आप में एक  Healer बनाया है... जब हम किसी बीमार को देखने जाते हैं तो फूलों का गुलदस्ता ले 

जाते हैं... जब किसी के जीवन का कोई खास अवसर होता है, तब हम फूल भेंट करते हैं, विवाह के समय 

जयमाला भी फूलों की होती है, मृत्यु के समय शैया पर हमें फूलों के साथ विदा किया जाता है, देवों की आराधना 

करनी हो तो फूल सबसे पहले याद आते हैं, महिलाएं तो अपने केश सज्जा के लिए कई प्रकार के फूलों का प्रयोग 

करते हैं तो इस तरह देखा आपने कि फूल हमारे जीवन चक्र के हर पड़ाव पर किसी न किसी तरह से हमसे जुड़ें 

हुए है..... परंतु हम इस ओर ध्यान ही नहीं देते!

हे! पुष्प... तुम्हारे साथ कांटे भी होते हैं फिर भी तुम खिलती हो और मुस्कुराती हो....  तुम्हें यह भी नहीं पता कि 

अगले दिन तुम देवों के चरणों में अर्पित की जाओगी या धूल में मिल जाओगी फिर भी तुम खिलती हो.... धूप के 

प्रचंड ताप को.... आंधी के तेज थपेड़ों को सहती हो.... वो भी इतनी कोमल-काया के साथ..... और फिर भी अगले 

दिन बेफिक्र-सी खिलती हो....

तुम महान हो..... सच में तुम सीख लेने योग्य हो.... आज से मैं तुम्हें अपना प्रेरणास्रोत मानती हूं और ईश्वर से यही 

प्रार्थना करती हूं की मैं भी तुम्हारी तरह सदैव खिलखिलाती मुस्कुराती रहूं....!!!!

आप भी अपने आसपास की चीजों का अवलोकन (observe) करें और देखें कि किन-किन चीजों से क्या-क्या सीख 

ली जा सकती है। 

इतना कहते हुए मैं अपनी लेखनी को विराम दूंगी...🙏
 
आपकी चहेती

Pushp ki duniya





अन्य भी पढ़ें



आपको मेरा ये लेख कैसा लगा ?, अगर आप इस से संबंधित कोई विचार मुझसे साझा करना करना चाहते है तो

 आपका स्वागत है...🙂


Catch me on  👇👇👇    

👉 INSTAGRAM
👉 FACEBOOK
👉 YOUTUBE
👉 PINTREST













कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें